अपन फिर राहुल गाँधी पर लौटते है। कान्ग्रेस्सियो ने राहुल यात्रा को ऐसे प्रोजेक्ट किया जैसे शिवसेना पर भरी विजय पा ली हो। सबसे पहले तो यही समझ नहीं आ रहा की अचानक राहुल बाबा को मुंबई आने की क्या सूझी? न तो चुनाव है, न ही ऐसा कुछ विशेष घटित हुआ है कि उनकी यात्रा का कारण बनता। खैर उस दिन जिस मुस्तैदी से पुलिस रस्ते पर थी उससे एक बात तो स्सफ हो ही जाती है कि कानून का डंडा सब पर भारी पड़ता है । पता नहीं ये पुलिस
तब कहाँ होती है जब मुंबई कि सडको पर निरपराध पर प्रांतीय पिट रहे होते है?
Tuesday, February 9, 2010
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