मनमोहनजी ही रहे
आख़िर में सरदार
राहुल बाबा पे नहीं
चला जोर सरकार
दिल्ली के दरबार में
छः दर्जन मंत्री
लालू टापते रह गए
मिला न कोई संत्री
पासवान भी पीटते
अपनी छाती आज
जाने कब अब मिलेगा
nएताजी को raj
Friday, May 29, 2009
Wednesday, May 27, 2009
यह समाचार सबसे पहले इसी ब्लॉग पर उपलब्ध है, कल आप इसे हर अखबार या ब्लॉग या नेट पर पढेंगे
विलासराव गरुड़ फ़िर बने बसपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष
मुंबई, महाराष्ट्र की दलित राजनीति के उगते हुए सूर्य विलासराव गरुड़ को फ़िर से बहुजन समाज पार्टी का महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। सरकारी नौकरी छोड़कर और अविवाहित रहकर त्याग की मिसाल पेश करने वाले विलाश गरुड़ को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने फ़िर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपी है।
सुरेश साखरे को उपाध्यक्ष , किरण आल्हात को महासचिव ,बालासाहेब कर्डक को महासचिव, प्रदीप वानखेडे और भीमराव हाथिंबिरे को भी महासचिव बनाया गया है। अविचल धीवर , राहुल सर्वोदे, विलास राउत और रविन्द्र गवई को सचिव बनाया गया है। चांगदेव गायकवाड को कोषाध्यक्ष और नेमीचंद गेडाम को कार्यालयीन सचिव बनाया है।
नामदेव धावले , किरण मोहिते , नंदकुमार मांडलिक और प्रवीण बर्वे को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है.
मुंबई, महाराष्ट्र की दलित राजनीति के उगते हुए सूर्य विलासराव गरुड़ को फ़िर से बहुजन समाज पार्टी का महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। सरकारी नौकरी छोड़कर और अविवाहित रहकर त्याग की मिसाल पेश करने वाले विलाश गरुड़ को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने फ़िर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौपी है।
सुरेश साखरे को उपाध्यक्ष , किरण आल्हात को महासचिव ,बालासाहेब कर्डक को महासचिव, प्रदीप वानखेडे और भीमराव हाथिंबिरे को भी महासचिव बनाया गया है। अविचल धीवर , राहुल सर्वोदे, विलास राउत और रविन्द्र गवई को सचिव बनाया गया है। चांगदेव गायकवाड को कोषाध्यक्ष और नेमीचंद गेडाम को कार्यालयीन सचिव बनाया है।
नामदेव धावले , किरण मोहिते , नंदकुमार मांडलिक और प्रवीण बर्वे को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है.
PRARAMBH
सरोकार में लीजिये
रूचि थोडी श्रीमान
देश, काल , कारण बिना
होती न पहचान
पत्रकारिता में घुसे
जब से लोग दलाल
कलम नर्तकी बन गई
ता - ता - थैया दे ताल
मिशन कमीशन का लगा
बड़ा भयंकर रोग
मुह में हड्डी ले घूमते
कुत्तो जैसे लोग
अजयम
हम पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते
ऐरे गैरे सवाल का जवाब नहीं रखते
हकीकत में जीते हैं खाब नहीं रखते
हम ऐसे वैसे रिंद नहीं हैं मासूम जी
हम पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते
-मुकेश मासूम की रचना
हकीकत में जीते हैं खाब नहीं रखते
हम ऐसे वैसे रिंद नहीं हैं मासूम जी
हम पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते
-मुकेश मासूम की रचना
Subscribe to:
Posts (Atom)