Tuesday, January 19, 2010

धोबी का कुत्ता

अंततः मुलायम सिंह यादव ने अमरसिंह का इस्तीफा
स्वीकार कर उन्हें जोर का झटका दे ही दिया । अब तक अमर सिंह यह मानकर चल रहे थे क़ि उनको पार्टी में बनाये रखने के लिए सपा के नेता कुछ नरम हो जायेंगे ,पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । समझा जा सकता है क़ि सपा को देर से ही सही यह समझ तो हुई क़ि अमरसिंह जैसे लोग सपा के लिए कभी भी लाभकारी नहीं हो सकते।विशेषकर अमरसिंह जिस तरह क़ि ब्लैक मैलिंग वाली भाष का प्रयोग कर रहे थे वह समझी जा सकने वाली भाषा थी .जो लोग मुलायमसिंह यादव को जानते हैं वे अच्छी तरह बता सकते है क़ि अमर का क्या हश्र होना था.डेल्ही में सीडी अंकल के नाम से मशहूर अमर सिंह ने इस बार सीधे मुलायम के परिवार पे ही निशाना साधा था। उनका कही यह कहना भरी पद गया क़ि रामगोपाल को भी एन डी तिवारी बना दूंगा। ब्लाच्क्मैलिंग के उनके इशारे मुलायम को नाराज़ करने के लिए काफी थे। अमरसिंह ने कभी नहीं सोचा था क़ि जब वे रामगोपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे
तो मुलायम सिंह यादव उनका ठीक उसी तरह साथ नहीं देंगे जिस तरह आज़म खान, राज बब्बर , बेनी वर्मा और मधुकर दिघे के मामले में चुप रहे थे। साथ ही अमरसिंह ने कुच्छ ज्यादा जल्दबाजी करते हुए अपने बगल मित्रों संजय दत्त, जयाप्रदा , मनोज तिवारी जैसे द्रामेवाजों से बयानबाजी करवा कर आग में और घी डाल दिया . इसका असर भी उल्टा हुआ । पार्टी में ९० फीसदी नेता और कार्यकर्ता अमर एंड कंपनी क़ि नौटंकी से भड़क उठे । नेताजी यानि मुलायम को सीधा सन्देश गया क़ि अमरसिंह ने जिस बारात को सपा में गुसाया है वह पार्टी से ज्यादा अमरसिंह क़ि वफादार है। फैसला लेने के लिए मुलायम को और इंतजार क़ि जरुरत नहीं बची थी । सो अमरसिंह का विक्केट गिर गया। अब अमरसिंह कांग्रेस के दरवाजे पे खड़े होते इस से पहले ही सोनिया गाँधी ने न कर दिया। इसके पीछे भी एक कारन है क़ि जब बिना बुलाये अमरसिंह यु पि ये की पार्टी में पहुचे थे तब भी उनको सोनिया ने भाव नहीं दिया था जिसके बाद अमर ने सोनिया को जिस भाष में खरी खोटी सुनायी थी वाही अब उनके लिए नो वीजा इन कांग्रेस का सबब बनी। वैसे भी डेल्ही के सत्ता के गलियारों में दलाल के नाम से मशहूर नेता से कोई भी निकट सम्बन्ध नहीं रखना चाहता। अब यह जरूर है क़ि अमर सिंह खुद को स्थापित करने के लिए राजनितिक स्तुंत करें पर उन पर गंभीरता से ध्यान देगा कौन । फ्हिल हल तो धोबी के कुत्ते जैसी हालत है । आगे तो भगवन ही जाने.

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