इस तरह अपनी कहानी किसी को बता नहीं ।
खता करके न कहना की हमने खता नहीं ।
पूछे जब कोई क्या रिश्ता है 'अजय' से,
नज़रें झुका के कहना हमको पता नहीं।
अजय भट्टाचार्य ; साहित्य और पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम नवभारत में प्रभारी सम्पादक रह चुके हैं। प्रसिद्द स्तम्भ सरोकार लिखते रहे हैं। विश्व प्रसिद्द पुस्तक सरल गीता लिख चुके हैं। अब ब्लॉग की दुनिया में दस्तक - संपर्क-9869472325
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