भोले बाबा बतलाइए क्या होती है माया
सुनकर मेरा सवाल डमरू वाला मुस्काया
माया महा ठगनी सुन लो भक्त हमारे
सपा भाजपा कांग्रेस सब माया के मारे
विकास के द्वार पर पड़ा रहेगा ताला
बहन जी को चाहिए नोटों वाली माला।
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अजय भट्टाचार्य ; साहित्य और पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम नवभारत में प्रभारी सम्पादक रह चुके हैं। प्रसिद्द स्तम्भ सरोकार लिखते रहे हैं। विश्व प्रसिद्द पुस्तक सरल गीता लिख चुके हैं। अब ब्लॉग की दुनिया में दस्तक - संपर्क-9869472325
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