Wednesday, May 27, 2009

हम पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते

ऐरे गैरे सवाल का जवाब नहीं रखते
हकीकत में जीते हैं खाब नहीं रखते
हम ऐसे वैसे रिंद नहीं हैं मासूम जी
हम पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते
-मुकेश मासूम की रचना

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