मत पूछो यारो हमसे क्या चीज जवानी है ।
छेड़ो तो नगमा है वर्ना खामोश कहानी है।
उम्र का ऐसा दौर है ये जब दिल बेकाबू होता है,
रोक सका न इसको कोई ये वो दरिया तूफानी है ।
अजय भट्टाचार्य ; साहित्य और पत्रकारिता का जाना पहचाना नाम नवभारत में प्रभारी सम्पादक रह चुके हैं। प्रसिद्द स्तम्भ सरोकार लिखते रहे हैं। विश्व प्रसिद्द पुस्तक सरल गीता लिख चुके हैं। अब ब्लॉग की दुनिया में दस्तक - संपर्क-9869472325
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